समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक: जानिए जरूरी प्रक्रिया
धान और मक्का की खरीदी के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 है। किसान एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं।
समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक: जानिए जरूरी प्रक्रिया
खेत तक । खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान और मक्का की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन तेजी से जारी है। एक जुलाई 2024 से शुरू हुआ यह पंजीकरण अभियान अब 31 अक्टूबर तक चलेगा। यह पंजीकरण किसानों को समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने की सुविधा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। अगर आप किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो समय रहते अपने नजदीकी ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी या सहकारी समिति प्रबंधक से संपर्क कर पंजीकरण करा सकते हैं।
पंजीकरण के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
खरीफ विपणन 2024-25 के लिए इस बार पंजीकरण में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। न केवल नया पंजीकरण बल्कि फसल और रकबा संशोधन के साथ-साथ कैरी फारवर्ड की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। किसान वारिसान पंजीकरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन भी जमा कर सकते हैं।
प्रमुख लाभ:
इस पंजीकरण से किसानों को कृषक उन्नति योजना का लाभ प्राप्त होगा।
किसान अपने क्षेत्र के ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी या सहकारी समिति प्रबंधक से संपर्क करके जल्दी से जल्दी अपना पंजीकरण पूरा कर सकते हैं।
एकीकृत किसान पोर्टल: सरल और सहज प्रक्रिया
कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग ने इस बार किसानों के लिए प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपने पंजीकरण के साथ-साथ फसल और रकबे में संशोधन की कार्यवाही भी आसानी से कर सकते हैं।
इस बार धान और मक्का की खरीदी भी इसी पोर्टल के माध्यम से होगी।
जो किसान पहले से पंजीकृत हैं, उनके पंजीकरण को 2023-24 के रकबे और खसरे के आधार पर कैरी फारवर्ड किया जाएगा।
राजस्व विभाग द्वारा इन विवरणों को समय-समय पर अपडेट किया जाता रहेगा।
आधार आधारित प्रमाणीकरण: बायोमेट्रिक प्रणाली
नए विपणन वर्ष 2024-25 में धान और मक्का के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली शुरू की गई है। किसानों को धान विक्रय के समय स्वयं या नामांकित व्यक्ति को बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके लिए पंजीकरण के समय किसान का आधार नंबर और नामिनी का आधार नंबर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा।
नामिनी के रूप में परिवार के सदस्य जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री या करीबी रिश्तेदार को शामिल किया जा सकता है। अगर कोई किसान अपने नामिनी में बदलाव करना चाहता है, तो यह कार्य समिति स्तर पर आसानी से किया जा सकता है।
बटाईदार और हिस्सेदार किसानों के लिए विशेष प्रावधान
इस बार बटाईदार और हिस्सेदार किसानों के लिए भी प्रक्रिया को सरल किया गया है। वे अपने खेत के मालिक या नामिनी के तौर पर पंजीकरण करा सकते हैं। खरीदी केंद्रों पर बायोमेट्रिक व्यवस्था की सुचारू व्यवस्था के लिए एक स्थायी खरीदी केंद्र प्रभारी नामांकित किया जाएगा।
नोट – यह जानकारी छत्तीसगढ़ के किसानो के लिए दी गई है।